सर्पासन क्या है – What is Sarpasana in Hindi
दोस्तों पहले हमें आसान क्या है उसे समझना पड़ेगा और उसका अर्थ क्या है और हमे क्यों योग या आसान करना चाहिए। जिसमे से एक आसान , सर्पासन है। पहले आसान का अर्थ -आसन शब्द संस्कृत शब्द से लिए गया है जिसका अर्थ ‘अस ‘ जिसका संस्कृत मे बैठना कहते है अर्थात सुविधापूर्वक एक अवस्था में रहना है। अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार सरलतम स्थति में योग करना हैं।
सर्पासन क्या है – सर्पासन एक सांप के समान आकर या आकृति बनाना है जिसमे पेट के बाल लेटकर किए जाने वाले आसन है जिसमे व्यक्ति शरीर को सांप के आकार में लाना होगा जिसमे व्यक्ति को खुद को आगे की जिससे पूरे शरीर का भार पेट होता है इस आसान को करने की लिए हमें अपने शरीर को लचीला बनाना होता है। जिसमे अपने मन, शरीर और श्वांस की देखभाल करना है।
इस आसन को करने के लिए मन एकाग्रता होना चाहिए जिसमे आपको मन के अवसाद, के अलावा अगर अपने बढ़े हुए पेट से जरूर परेशान होंगे। होना भी चाहिए, क्योंकि बढ़ा हुआ पेट आपको सेहत संबंधी कई परेशानियां भी देता है, जिम में घंटो पसीना बहाने से अच्छा है आप सुबह शाम सर्पासन की मुद्रा को को अपनाये।
सर्पासन की शुरूआत करते समय ध्यान पूर्वक हल्के आसन से करना चाहिए । चाहे आपको कितनी भी प्रैक्टिस क्यों न हो लेकिन योग की शुरूआत किसी कठिन आसन से नहीं करनी चाहिए। बिना शरीर को तैयार किए आप कठिन योग करने लगेंगे तो चोट लगने का डर रहता है।
Sarpasana Benefits in Hindi :सर्पासन के फायदे
(Physical Benefits of Yoga)
सर्पासन करने से हमेसा लाभ होता है अगर आप सही विधि से करें तो जिसमे न तो कोई छोटा या बढ़ा उम्र की कोई बाधा नहीं है स्त्री या पुरुष हो वह योगासन कर सकते है।
- सर्पासन करने से सॉस फूलने की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
- फेफड़ा मजबूत होगा।
सर्पासन करने से आप चुस्त और अपने आप को फिट महसूस कर सकते है युवावस्था बनाए रखने एवं वीर्य रक्षा में सहायक होती है।
पुरानी से पुरानी कब्ज की समस्या भी ठीक हो जाती है।
रोजाना सुबह पेट साफ नहीं होता , तो कब्ज से मुक्ति दिलाएंगे।
आपके पेट में जब गैस बनती है तो ऐसे में पेट में गैस से राहत पाने के लिए सर्पासन करने से राहत मिलेगी।
सर्पासन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है।
मांसपेशियों की ताकत बढ़ाना है।
एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार करता है।
कार्डियो और संचार स्वास्थ्य
शरीर को लचीला बनाना।
कार्डियो और संचार स्वास्थ्य सुधार।
श्वसन क्रिया, ऊर्जा और जीवन शक्ति में सुधार करता है।
वज़न कम करना और हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
- सर्पासन इनमें शरीर के समस्त भागों पर प्रभाव पड़ता है, और वह अपने कार्य सुचारु रूप से करते हैं।
- आपके शरीर को ऑक्सीजन की कमी पूरा होगा।
सर्पासन चिकित्सीय और मानसिक लाभ –SarpasanaTherapeutic and mental benefits
सर्पासन करने से चिकित्सीय और मानसिक लाभ के अलावा, योग के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक मानसिक कल्याण भी है। कई प्रकार से जो आम समस्या है उससे छुटकारा मिलजाता है चिकित्सीय पद्धति में भी योग और सर्पासन विधि का बहुत बड़ा महत्व है जिसमें गर्दन या पीठ में दर्द, पुरानी कब्ज गैस हृदय गति में अधिक सुधार के लिए उपयोगी है।
करने में असमर्थता शामिल है।
यह मानसिक शांति और स्पष्टता बनाने में सहायता करता है।
उनका बीएमआई, रक्तचाप , कोलेस्ट्रॉल के स्तर और हृदय गति में अधिक सुधार होता है।
योगासन दिल और फेफड़ों को शक्ति देते हैं, रक्त को शुद्ध करते हैं।
- योगासन मेरुदण्ड-रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाते हैं।
आपको बेहतर नींद में मदद करता है।
- संतान हीनता महिलाओं की कमियां दूर करके उन्हें गर्भधारण करने के योग्य बनाता है
मन की शांति को मजबूत करता है।
मजबूत आंतरिक शक्ति प्रदान करता है।
- मन में स्थिरता पैदा कर ध्यान केंद्रित करने की संकल्प शक्ति को बढ़ाते हैं।
time to do sarpasan : सर्पासन करने का समय
सर्पासन करने का सबसे अच्छा समय सुबह पेट साफ़ करने के बाद खाली पेट सुबह और शाम को दोना समय सर्पासन मुद्रा करना चाहिए जो की योग करने का सबसे अच्छा समय वह समय है जिसे आप कमरे के अंदर या खुले मैदान में भी योग करने का सबसे अच्छा स्थान है।
जिसमे आप सुबह टहलने या थोड़ा सा रनिंग अपने मन को शांत करने के बाद सर्पासन मुद्रा को आरंभ कर सकते है। योग करने का सबसे अच्छा समय वह समय है जो आपके लिए उपयुक्त समय हो लेकिन ध्यान रहे की आप खाली पेट सर्पासन करें तो आपके लिए अच्छा रहेगा।
sarpasan करने की लिए समान
सर्पासन करने के लिए आप खुले मैदान या बगीचा में या घर के अंदर करें।
एक चटाई या मैट होना चाहिए या एक चादर भी चलेगा।
सर्पासन किन लोगो को नहीं करना चाहिए
आप कोई भी योग करना चाहते है तो योगाचार्य के मार्गदर्सन में करें तो अच्छा रहेगा और आपके समस्या या किन चीजों से निजात पाना चाहते है तो आपके योगाचार्य ही बता पायेगा।
- अगर आप बीपी के मरीज है अल्सर।
- कोलाइटिस, कोलस्ट्राल के मरीज हैं तो उन्हें नुकसान हो सकता है।
- या गंभीर बीमारी के मरीज।
- गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए।
- दिल की बीमारी होने पर नहीं करना चाहिए।
Sarpasana Steps in Hindi : सर्पासन करने की विधि
सर्प का अर्थ होता है सर्प के समान बनना सर्पासन के अभ्यास के लिए शरीर को सांप के आकृति में लाना होता है। इसके लिए आप शरीर को थोड़ा लचीला बनाते है इसके लिए आप अपने शरीर को थोड़ा वार्म अप करें।
“बहुत ही आसानी से इस आसान को आप कर पाएंगे हमारे स्टेप को पालन करें”।
पहला स्टेप – हमें सांप की तरह जमीन पर लेट जाये और अपने दोनों पैरो को सीधा रखें।
दूसरा स्टेप – दोनों पैरों और दोनों अगुठे को मिलाएं और पंजे बहार की ओर रखें ।
तीसरा स्टेप – ठुढी को जमीन पर रखते हुए हाथों को पीठ के पीछे ले जाते हुए दोनों हाथों की उंगलियों को फंसा ले और हाथों को निसंभ के ऊपर रखेंगे।
चौथ स्टेप – साँस भरते हुए हाथों को निसंभ से ऊपर उठते हुए और समने से गर्दन ,ठुडी ,छाती और कंधे को जमीन से ऊपर उठते हुए। शरीर को पीछे की ओर खीचे।
पचवा स्टेप – इस अवस्था में 20 से 60 सेकण्ड तक रूके जिसमे सांसे समन्य रूप से चलती रखे। इसके बाद साँस को छोड़ते हुए फिर अपनी गर्दन ,छाती ठुढी और कंधे को जमीन पर रखें।
इस सर्पासन को 4 से 5 स्टेप में करें।
इस अभ्यास के दौरान सारा दबाव पीठ के निचले हिस्से गर्दन और छाती पर होना चाहिए और पूरा खिंचाव पेट और छाती पर अनुभव करें।
आशा करते है की इस चित्र के माद्यम से अभ्यास Sarpasana क्रिया सीख जयेगे Sarpasana सर्पासन करते समय योगाचार्य के उपस्थिति में योग करें।
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