6 month baby care tips in hindi| बच्चों की हेल्थ टिप्स इन हिंदी

baby care tips in hindi

नए माता-पिता नवजात शिशु के जन्म के समय काफी उत्सुक रहते है नवजात शिशु देखभाल के कई पहलुओं के बारे में काफी चिंतित रहते है हमारे विचार आपको आत्मविश्वासनवजात से नवजात शिशुओं की देखभाल में आपका मदद करेगा !नवजात शिशु का देखा भाल कैसे करें इन चीजों बारे में पता होता है फिर भी हम इन चीजों के बारे में भूल जाते है !बेबी को केयर कैसे करते है

माँ का दूध पिलाना

हमे 6 महीने तक केवल माँ का दूध पिलाना चहिये हमें हर दो से तीन घंटे में माँ का दूध पिलाना चाहिए या कुछ कारण वस अगर माँ दूध नहीं आ रहा है !

तो डॉ. के बताये अनुसार फॉर्मूला दे सकते है होंठों के पास माँ के स्तन को तब तक रखे तक कि वह चूसने लगे !
माँ का दूध पिलाना जरुरी है माँ के दूध में महत्वपूर्ण पोषक तत्व और एंटीबॉडी हैं ! दूध पिलाते समय बेबी पीते -पीते सो जाते है उसे उठा कर दूध पिलाने की कोशिश करें उढ़ाने के लिए पैर में गुदगुदी या कान के नीचे सहला सकते है !

नवजात शिशु को डकार दिलाना

दूध पिलाने के बाद बेबी को डकार दिलाना जरुरी है क्यों की दुध पिलाते समय बेबी हवा ले लेता है इसलिए बच्चे को डकार दिलाये डकार दिलाने के लिए बेबी को कंधे में रखे और पीठ को शहलाये या तो बेबी को उल्टा कर टांगो में रखकर पीठ को सहलाये जिससे बेबी को डकार आ जायेगा !

अपने नवजात शिशु को कैसे पकड़ें

आप अपने बच्चे को पकड़ते समय बेबी के सिर और गर्दन को सहारा एक हाथ से सहारा देते हुवे पकड़े ! क्यों की बेबी का आंतरिक अंग नाजुक हैं इसका कारण यह है कि उसकी गर्दन की मांसपेशियां अभी तक इतनी मजबूत नहीं हैं  कि आप स्वतंत्र रूप से सिर पकड़ !  नवजात शिशु गर्दन केवल 3 महीने की उम्र के बाद ही मजबूत हो पाएंगे  ! इसलिए नवजात शिशु की देखभाल करते हुए अपने बच्चे के सिर और गर्दन पर ध्यान दें !

हाथ को सेनेटाइज करके बेबी को उठाये

नवजात शिशु को हमेसा हाथ को धोकर या हाथ को सेनेटाइज करके बेबी को उठाये अगर शिशु शो रहा है तो बेबी को अनावस्यक न उठए !
बेबी को शोर से दूर रखे अगर कोई मेहमान आपके शिशु को पकड़ना चाहता है तो उसे सेनेटाइज या हाथ को धोकर बेबी को पकडे चाहे मेहमान को बुरा लगे लेकिन आपका शिशु के स्वस्थ का सवाल और इस चीज का ध्यान रखे !

अगर कोई बहार से कोई अचानक आ के बेबी को पकडना चाहता है तो उसे थोड़ा देर बैठकर बेबी के पास ले जाये क्यों की संक्रमण सीधा बच्चे के पास ना पाए !

सही समय में डायपर बदलना और कपड़े का चुनाव 

बच्चे का डायपर या कपडा इस्तेमाल करते है तो हमसे गिला हो ने पर उसको चेंज करे ज्यादा देर तक नहीं रखें नवजात शिशु एक दिन में कम से कम 6 से 8 डायपर गीला करेगी। जैसे ही यह भरा हुआ महसूस हो,

उसके डायपर को बदलें। आपको इसे दिन में कम से कम 10 बार बदलना पड़ सकता है।सूती कपड़े या एक अच्छे डायपर जो बेबी को रेसेस ना आये ऐसे डायपर को चुनाव करें !

“साथ ही बेबी को साफ और सूती कपड़े में सुलाए विज्ञापन देखकर ज्यादा रेसे वाले कपड़े में ना सुलाए क्यों की रेसे वाले कपड़े बेबी के नाक या आँख में जा सकते है या बेबी को रेसेस हो सकते है”

शिशु के नाखूनों को कब काटे

शिशु के नाखून कोमल (नरम) होते हैं नवजात के नाखून बहुत तेजी से बढ़ते हैं। शिशु अपने हाथों से चेहरे या शरीर को खरोंच सकता है। इसलिए, बच्चे के नाखूनों को काटना चाहिए जब बच्चे सो रहे हों तब नाखूनों को धीरे से ट्रिम करके देखें। इसे बहुत गहराई से छाटनी न करें क्योंकि नाखून बहुत कोमल हैं नाखुनो में मैल भी जमे होते है और बेबी मुँह में उंगलियों को ले जाते है !

गर्म नाल

बेबी के गर्म नाल में कुछ भी नहीं लगाना चाहिए कई लोग बेबी के नाल में तेल या घी लगा देते है यह गलत है गर्म नाल दो से तीन हप्तों में सूख कर गिर जाता है ! अगर डॉ कोई कारण वस पाउडर या दवा लगाने के लिए कहता है तभी नाल पर लगाया जा सकता है !

मालिश

मालिश आपके बच्चे को नरम हाथो से मालिश कर सकते है !मालिश करने के लिए आप सरसों का तेल और गर्मी के दिनों में नारियल का तेल लगा सकते है मालिश करने से शिशु का रक्त संचार बढ़ता है और बच्चे का शरीर विकास होता है !

मालिश करने से बेबी को थकन को दूर करके मांसपेशियों आराम मिलता है ! यह बेबी अच्छा लगता है और बच्चे आराम से सो जाता है यहआराम और सोने के साथ बंधन का एक शानदार तरीका है!

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बच्चे को मालिश करने के बाद बच्चे को स्नान करा सकते है

नवजात शिशु को नहलाना एक नाजुक काम है। आमतौर पर शिशु के जन्म के बाद 2-6 घंटे बाद स्नान कराया जाता है। हालांकि, सर्दियों जैसे कुछ स्थितियों एक सूती कपड़ा को पानी में गिला करके शिशु को पोछा सकते है शिशुओं को अच्छे नींद के लिए जरुरी है बच्चे के चिड़चिड़े पन को दूर करता है और ध्यान रहे की गर्म- नाल गिला न हो गर्म नाल गिला होने से संकमण हो सकता है !

जीभ की सफाई

एक सूती का कपड़ा लें उसको ऊगली में लपेट कर उसे पानी में भीगकर बच्चे के जीभ में गोल गोल घुमाये अगर बेबी के दांत है उसको साफ करने के लिए तो उसमे भी ऊँगली को फिरो सकते है जिसे दूध से मुँह के बदबू के दूर किया जाता है !

छोटे बच्चे को अकेला न छोड़े 

बच्चे को अकेला छोड़ कर नहीं जाना चाहिए बेबी अकेला पडने पर डर जाता है ! घर का कोई न कोई सदस्य होना चाहिए उसके देखभाल की लिए !

नवजात शिशु को भीड़ भाड़ से दूर रखें 

शिशु को भीड़ भाड़ से दूर रखे बेबी बहुत नाजुक होता है ज्यादा शोर स्वस्थ के लिए हानिकारक है ! बच्चे को बेचैनी हो सकती है !

बच्चे को हवा में न उछाले

बच्चे को हवा में न फेंकें, क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है।  शिशु को कभी न हिलाएं क्योंकि उसके आंतरिक अंग नाजुक हैं और जोरदार झटकों से उसे नुकसान हो सकता है।
 ज्यादा खुसबू वाले पदार्थ से दुरी

नवजात शिशु को ज्यादा खुसबू वाले पदार्थ न लगाए शिशु का शरीर बहुत ही नाजुक होता है जो शिशु त्वचा को नुकसान हो सकता है !
बेबी को अकेला ना छोड़े बेबी कभी कभी डर जाता है ना खिलौना बेबी के सोते समय उसके बिस्तर पर रखे !

डॉ के के पास कब जाये 

छोटे बच्चे खुद नहीं बता पाने के कारण बच्चे माता पिता चिंतित हो जाते है बच्चे का स्वस्थ को लेकर ! दूसरे दिन की अपेछा अगर बच्चे के दिनचर्या में बदलाव दिखें :-

  • अगर दूध शिशु नहीं पि रहा है  .
  • बच्चे नहीं खेल रहा है बेचैन हो .
  • बच्चे का कलर पीला या काला पड़ा रहा है .
  • बच्चे ज्यादा पोटी कर रहा है .
  • ज्याद छींक रहा है .
  • बच्चे को 100 डिग्री फेहरहाइट से ज्यादा बुखार आ रहा हो .
  • बिना आँसू के रोना .
  • काफी लम्बे समय तक सो रहा है .
  • सांस फूलना .
  • त्वचा में सूजन या  इंफेकसन .
  • छोटे बच्चे के मलत्याग में परेशानी .
  • डी हाइड्रेसन होना .

इस प्रकार के परेशानी या लक्षण में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. को दिखा सकते है !

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