Salmon Fish सालमन फीस विभिन्न प्रजातियों
सैल्मोनिडे परिवार की विभिन्न प्रजातियों अटलांटिक महासागर प्रजाति और प्रशांत महासागर में पाई जाती है।
- चेरी सैल्मन
- चिनूक सैल्मन
- चम सैल्मन
- कोहो सैल्मन
- पिंक सैल्मन
- सौकाए सैल्मन
- लैंड-लॉक्ड सैल्मन
- हुचेन या डेन्यूब सैल्मन
Salmon Fish (मछली )में निम्न प्रकार के पोषक तत्व पाया जाता है
पौष्टिक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
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जल | 68.5 gm |
उर्जा | 142 kcal |
ऐश | 2.54 gm |
प्रोटीन | 19.84 gm |
आयरन | 0.8 mg |
पोटैशियम | 490 mg |
टोटल लिपिड | 6.34 gm |
कैल्शियम | 12 mg |
मैग्नीशियम | 29 mg |
फॉस्फोरस | 200 mg |
कॉपर | 0.25 mg |
सेलेनियम | 38.5 mg |
जिंक | 0.64 mg |
थियामिन | 0.226 mg |
सोडियम | 44 mg |
राइबोफ्लोविन | 0.38 mg |
नियासिन | 7.86 mg |
फोलेट | 25 mg |
विटामिन बी-12 | 3.18 mg |
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड | 2.103 gm |
विटामिन- ए | 40IU |
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड | 0.981 gm |
विटामिन बी-6 | 0.818 mg |
फैटी एसिड टोटल पोलीअनसैचुरेटेड | 2.539 gm |
सालमन फीस के पोषक तत्व पाया जाता है इनमे सर्वाधिक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है.
पोषक तत्व वह पदार्थ हैं जो शरीर को समृद्ध बनता हैं। और यह यह ऊतकों का निर्माण और उनकी मरम्मत करते हैं, यह शरीर को उष्मा और ऊर्जा प्रदान करते हैं और यही ऊर्जा शरीर की सभी क्रियाओं को चलाने के लिए आवश्यक होती है। पोषक तत्वों के सेवन के विभिन्न तरीके हैं।
यह पोषक तत्व हमें विभिन्न प्रकार से स्वास्थ्य फायदे पहुंचाते हैं, जिसके बारे में नीचे आपको पूरी जानकारी दी जा रही है। बदलते हुए दौर में अगर आप अपनी खानपान को लेकर थोड़ी-सी भी लापरवाही बरतते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए सीधे तौर पर नकारात्मक प्रभाव दिखाता है।
इसलिए विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से बचे रहने के लिए आपको नियमित रूप से अपनी डायट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। शरीर को पोषक तत्वों की भी बहुत जरूरत होती है जो अलग-अलग प्रकार से लाभ पहुंचाते हैं।
सालमन फीस वजन घटाने में सहायक है
सालमन फीस वजन कम करने के लिए सबसे जरूरी होता है लो कार्ब और लौ फैट खाना, यानी आपको इन दोनों के अलावा प्रोटीन,विटामिन, मिलरल्स और फाइबर सब खाना है. तो आज हम आपको बताएंगे की सालमन फीस में फैट और कार्बोहाइड्रेट बहुत कम है और बाकी न्यूट्रिशन पूरा है.
अगर आप अपनी डायट में शामिल करेंगे तो कैलरीज इनटेक बहुत कम होगा, पेट भरा हुआ रहेगा और खाने की क्रेविंग भी कम होगी जिससे ऑटोमेटिकली वजन कम हो जायेगा.
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दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक है
एक शोध के अनुसार उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई लोगों को दिमाग से संबंधित समस्या या कमजोरी होने लगती है। किसी भी चीज को ढ़ूंढने या किसी बात को याद रखने के लिए उन्हें दिमाग पर जोर डालना पड़ता है। अगर आपको भी ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन कर आप अपनी याददाश्त को दुरुस्त कर सकते हैं।
याददाश्त बनाए रखने के लिए अगर आप मांसाहारी है तो सलमान फीस आपके लिए काफी उपयोगी माना जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, मैगनीज, कॉपर और राइबोफ्लाविन आदि अल्जाइमर और अन्य मस्तिष्क संबंधी रोगों को दूर करने में मदद करते हैं। सालमन फीस उनका सेवन करने से दिमाग तेज होता है।
अगर आप अपनी डायट में शामिल करेंगे याददाश्त को बनाए रखने और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। सालमन फीस मस्तिष्क के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन बी एवं ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो आपके दिमाग को दुरुस्त रखता है।
इसके अलावा अंडे में लेसीथीन और सेलेनियम आदि भी पाए जाते हैं जो आपके मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। इसके सेवन से आपकी याददाश्त, तर्क करने की शक्ति एवं एकाग्रता बढ़ती है।
कैंसर की स्थिति से बचाव के लिए
दुनिया भर के वैज्ञानिक और पोषणविज्ञानी खाने पीने की ऐसी चीजों की खोज कर रहे हैं जो लोगों को कैंसर से दूर रख सकें. पोषण विशेषज्ञ उलरिके गोंडर भी उन्हीं में से एक हैं. उन्हें खानपान में अच्छी और बुरी चीजों की बढ़िया पहचान है सलमान फीस क्रैरिटोनॉएड से मिलता है.
ये सिर्फ रंग ही नहीं भरता है बल्कि कैंसर से बचाव करने वाले तत्वों से भरा रहता है. लाल रंग वाले ऐसे प्राकृतिक फोटोकैमिकल्स का एंटीऑक्सीडेंट असर होता है जो कई प्रकार से कोशिकाओं की रक्षा करता आजकल अधिकतर फल और सब्जियां कीटनाशकों से दूषित होते हैं, जिनके सेवन से शरीर पर अवांछनीय प्रभाव पड़ता है।
दोबारा गर्म किए गए भोजन, अधिक पके हुए फूड्स, दोबारा गर्म किए गए तेल कार्सिनोजेनिक (Carcinogenic) हो जाते हैं। कल-कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों की वजह से प्रदूषित जल भी काफी नुकसानदायक होता है, क्योंकि इसमें भारी खनिजों (Heavy minerals) की मात्रा अधिक होती है।
इसलिए सालमन फीस आपके लिए फायदे मंद होगा इससे कैंसर की सेल्स की खत्म होती है और ट्यूमर को बढ़ने से रोकती हैं।
हड्डियों और जोड़ों के दर्द को कम रोकने में सहायक
शरीर के लिए दो महत्वपूर्ण पोषक तत्व और खनिज क्रमशः विटामिन डी और कैल्शियम हैं. ये दोनों तत्व हड्डियों के निर्माण, उन्हें स्वस्थ बनाये रखने और लंबे समय तक उन्हें मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. विटामिन डी का अधिकांश भाग सूर्य के प्रकाश से प्राप्त होता है जबकि कैल्शियम मुख्य रूप से हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन पर निर्भर करता है.
इसलिए सलमान फीस को अपने आहार में शामिल कर इनके पोषक तत्व की कमी को पूरा कर सकते है विटामिन डी और कैल्शियम के तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है प्रोटीन आपके शरीर में मांसपेशीयों का निमार्ण और उन्हें उभारने में मदद करता है।
हड्डियों की बीमारियों और ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी स्थितियों से बचने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम उन खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो विटामिन डी और कैल्शियम से भरपूर हों. यहां आपकी हड्डियों के लिए 5 स्वस्थ विटामिन डी और कैल्शियम युक्त भोजन बताया गया है.
त्वचा को सुन्दर और चमकदार बनाएँ
आंखों के लिए फायदे मंद
ऐसे कई विटामिन हैं जो हमारी आंखों की सेहत को बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं। इसके अलावा कई एंटीऑक्सीडेंट भी हैं जो शरीर में मौजूद फ्री रैडिकल्स की वजह से होने वाले इन्फ्लामेशन और ऑक्सिडेटिव डैमेज के कारण आंखों को होने वाले नुकसान से सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
नियमित रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड या मछली का सेवन करते हैं, अगर किसी खास तरह के विटामिन की शरीर में कमी हो जाए तो इसकी वजह से भी मोतियाबिंद और एज-रिलेटेड मैक्युलर डीजेनरेशन जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। कई रिसर्च में यह बात साबित भी हो चुकी है कि ऐसे कई विटामिन और मिनरल हैं जो इन बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं।
उच्च रक्तचाप को कम करने में सहायक
मछली में ओमेगा -3 फैटी एसिड के साथ-साथ कुछ विटामिन और खनिजों की प्रचुर मात्रा होती है, जो रक्तचाप को कम करने और ओमेगा -3 फैटी एसिड की सहायता से सूजन को कम करने में मदद करता है। इसी तरह, चिकन प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, जो अच्छी तृप्ति देने के साथ-साथ स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इसलिए सप्ताह में दो बार करी या सूप के रूप में चिकन और मछली का सेवन हानिकारक नहीं है।
बॉडीबिल्डिंग में फायदे मंद है
प्रोटीन जैसा कि बताया गया है कि मैक्रोन्यूट्रिएंट्स के अंतर्गत आता है, क्योंकि हमारे शरीर को ठीक से काम करने के लिए बड़ी मात्रा में इसकी आवश्यकता होती है।
यह हमारे शरीर का निर्माण करने में मदद करता है, द्रव संतुलन बनाए रखने में मदद करता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर रखता है। यह कोशिकाओं, ऊतकों, एंटीबॉडी, हार्मोन और एंजाइमों के विकास, संरचना और कार्य में भी सहायता करता है।
आमतौर पर, शरीर के प्रति वजन के लिए 0।4 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। प्रोटीन के सबसे अच्छे स्रोतों में से कुछ डेयरी मांस, मछली हैं।
गर्भावस्था के दौरान सलमान के फायदे मंद है
सामान्य रूप से किसी भी शरीर में विटामिन डी, कैल्शियम और फास्फेट के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है. लेकिन गर्भावस्था के दौरान इसकी जरूरत कहीं ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि ये मां और बच्चे दोनों की हड्डियों और मांसपेशियों के लिए जरूरी होता है.
चूंकि गर्भस्थ शिशु मां के ही शरीर से पोषण लेता है, ऐसे में विटामिन डी की कमी का असर बच्चे पर भी होता है.
एक रिसर्च के अनुसार भारत में करीब 84 फीसदी गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी की कमी होती है, जिसकी वजह से उनके बच्चों की सेहत पर भी खतरा बना रहता है. जानिए विटामिन डी की कमी को कैसे पहचानें और इस कमी को कैसे पूरा किया जाए.
सालमन फीस को अपने आहार में शामिल कर इनके पोषक तत्व की कमी को पूरा कर सकते है विटामिन डी और कैल्शियम के तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
बालों के लिए सालमन फ़ीस उपयोगी है
मछली के तेल में पर्याप्त मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। स्किन की चमक और बालों की मजबूती दोनों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत जरूरी होता है। मछली के तेल या कॉड लिवर ऑयल में विटामिन ए और विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके साथ ही फैटी एसिड न सिर्फ स्किन बल्कि बालों को भी स्वस्थ रखता है।
बच्चों के लिए फायदे मंद
इस मछली में विटामिन ‘ए’, ‘बी3’, ‘बी12’, ‘ई’ और नियासिन प्रचुर मात्रा में होता है जो अच्छी त्वचा और पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए बेहतरीन है। पॉम्फ्रेट में मरक्युरी की मात्रा बहुत कम होती है। इसमें विटामिन ‘डी’ काफी मात्रा में होने के कारण यह शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस को अब्सॉर्ब करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
यह बच्चों के आहार में सबसे सुरक्षित खाद्य पदार्थ है। रावस में मरक्युरी की मात्रा बहुत कम होती है और इससे एलर्जी होने की संभावना भी बहुत कम होती है, ये गुण इसे बच्चे के आहार के लिए बेहतरीन बनाते हैं।
सालमन मछली खाने से नुकसान
- मछली को ठीक से पका कर खाना चाहिए इससे पेट में संक्रमण या पेट में दर्द हो सकती है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह चीज अच्छी होती है लेकिन इसका अत्यधिक इस्तेमाल नुकसान पहुंचा सकता है।
- ज्यादा मछली खाने से कैंसर, डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी समस्या हो सकती है।
- मछलियों में आजकल पॉलीक्लोरिनेटेड बायफेनिल डाइऑकसाइंस के अलावा अन्य क्लोरीनयुक्त कीटनाशक जैसे दूषित पदार्थ पाए जाते हैं।
अगर आपका कोई सुझाव या सवाल है, तो कमेंट कर सकते है।
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